Khamoshiyon ki beech yaaron ki sargoshiyan, masroofiyat se nikaal ke laai hain shairiyan...
Tuesday, September 1, 2015
एक सुबह
एक उजली सी सर्द सुबह में
हमने उन प्यारी मुस्कानों को पाया है
जहाँ सेहर के कम्बल ओढ़े, मूंदी आँखों से
धीमे धीमे कानो में हवा के झोंकों से
चिड़ियों ने एक गीत सुनाया है...
-श्वेतिमा
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