Khamoshiyon ki beech yaaron ki sargoshiyan, masroofiyat se nikaal ke laai hain shairiyan...
Thursday, August 6, 2015
शिकायतें
हम उनका साथ देते गए , धक्का करते गए उन्होंने पलटकर कभी हमारी पीठ भी नही थपथपाई हम राहों से उनकी, काटें चुनते गए उन्होंने ज़रा थमकर हमारी पलकें भी नही सहलायीं... -- श्वेतिमा
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