Monday, June 22, 2015

यादों की चादर तले..


यादों की चादर तले,
एक प्यारा सा ख़्वाब दिखे,
ओढ़ के ख़्वाहिशों की चादर,
चलो चाँद की सीढ़ी चढ़ें!


खुशियों का थामे हाथ,
सूरज से चलो आज मिले,
किरनों से उसकी लिपटकर,
आहिस्ते से बातें करें!



          - गुन्जन, श्वेतिमा 



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