सुबह सुबह सूरज की किरणें जब खिड़की से आती हैं
हर एक जीवन मे वो प्रतिदिन नया सवेरा लाती हैं
वही पेड़ हैं वही हैं पौधे वही विहग और पक्षी हैं
उनमें प्रतिदिन नयी ऊर्जा का संचार कराती हैं
सुबह सवेरे चीर अँधेरा रात को फिर से सुलाती हैं
क्षण भर भी जो रही निराशा उसको भी ये मिटाती हैं
आशा से परिपूर्ण दीप ये फिर से हृदय में जलाती हैं
सुबह सवेरे सूरज की किरणें नया सवेरा लाती हैं
इन किरणों की उज्जवलता से मन हर्षित हो जाता है
नये लक्ष्य तय करने को मन में विश्वास जगाती हैं
इसी विश्वास को लक्ष्य जीतने का आधार बनाती हैं
इसी तरह सूरज की किरणें नया सवेरा लाती हैं
- ज्योत्सना
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