Thursday, June 18, 2015

मोहब्बत वो ज़हर है...



मोहब्बत वो ज़हर है , जो चढ़ जाये तो कभी उतरता नहीं
शमा खाक करदे दिल जला कर , पर ये चिराग कभी भुजता नहीं
उम्मीदों की रेत पर खड़ा होता है ये सपनों का महल ,
गर बिखर जाये टूट कर , गहरे दर्द का सैलाब कभी रुकता नही.


                                                - श्वेतिमा 



No comments:

Post a Comment