आँखें होती हैं दिल का आईना,
इनसे हो जाते हैं अक्सर अलफ़ाज़ बयान!
इनकी खूबसूरती के किस्से,
होते हैं मशहूर यहाँ-वहां!
रूह की सच्चाई भी उनमे,
नज़र आती है जहाँ-तहाँ!
जिनसे होता नहीं बयान उल्फत-इ-जज़्बात,
उनकी बनकर अलफ़ाज़ कह जाती है पूरी दास्तान!
कभी हुस्न, कभी मोहब्बत से मशहूर हो जाते हैं,
जाने कितनों के दिल इन निगाहों से मजबूर हो जाते हैं!
- ज्योत्सना, श्वेतिमा
No comments:
Post a Comment